घर जाने की गुहार लगाई तो किया लाठीचार्ज… पढ़े पूरी खबर

karnatak mai parwasi
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बीकानेर। अपनों से दूर रहने का दर्द व अहसास अब लॉकडाउन के दौरान दूर-दराज के क्षेत्रों में फंसे प्रवासियों का हो रहा है। जहां एक ओर केन्द्र सरकार प्रवासियों को अपने गन्तव्यों तक पहुंचाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर कर्नाटक के बेलगाम में फंसे बीकानेर के ५० लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है। हालात यहां तक पहुंच चुके है कि अब तो घर जाने की बात कहने पर भी लाठीचार्ज किया जा रहा है। कनार्टक में फंसे बीकानेर के सुंदरलालट ने अलर्ट भारत के संवाददाता को बताया कि हम बीकानेर के 50 व प्रदेशभर के 115 लोग पिछले एक माह से ज्यादा समय से एक ही स्थान फंसे हुए है। ना खाने को ठीक से रोटी मिल रही है और ना ही कोई व्यवस्था। घर जाने की आस में लगातार सोशल मीडिया एवं सरकारी वेबसाईटों के माध्यम घर पहुंचने के लिए गुहार लगाई जा रही है लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सुंदरलाल ने बताया कि आज सुबह सभी लोगों ने परेशान होकर घर जाने के लिए बातचीत की तो पुलिस प्रशासन की ओर से लाठीचार्ज कर चुप करवा दिया गया। ऐसे में कई लोगों की घर पहुंचने की उम्मीद ही खत्म हो लगी है।
कैसे पहुंचे बैलगाम
बैलगाम में फंसे सुंदरलाल ने बताया कि वह जयपुर से 17 मार्च को फ्लाईट से रवाना होकर उसी रात बैंगलुरू पहुंच गया। इसके कुछ दिनों बाद लॉकडाउन शुरू हो गया तो घर पहुंचने के साधन नहीं मिला। फ्लाइट व रेलवे ने भी अपनी सुविधाएं बंद कर दी। कुछ लोग ट्रक तो कुछ लॉरी के माध्यम से निकले लेकिन बैलगाम में जांच पड़ताल के दौरान वहीं अटक गए।
लगभग 50 लोग है बीकानेर
सुंदरलाल सुथार ने बताया कि जगदीश सुथार, ओंकार कस्वां, ओमप्रकाश सुथार, महेन्द्रसिंह सियाणा, मोतीसिंह, किशन सिंह, नरेन्द्रङ्क्षसह, विजयदान, प्रेम गोदारा आदि कई साथी जो हमारे साथ २७ मार्च से फंसे हुए है।
सोशियल डिस्टेंसिंग की उड़ती धज्जियां
जानकारी के अनुसार कर्नाटक के बैलगाम में एक भवन के अंदर 115 लोगों को ठहराया गया है। जहां 10 कमरों में 115 लोग निवास कर रहे है। ऐसे में तो सोशियल डिस्टेंसिंग तो दूर-दूर तक कहीं नहीं नजर आ रहा है। इस प्रकार की सुविधा के कारण कोरोना संक्रमण फैसले की आंशका हर समय बनी रहती है।
खाने की उचित व्यवस्था नहीं
सुंदरलाल ने बताया कि दिन-रात एक ही प्रकार खाना खाकर बैचेनी सी हो गई है। कभी दिन का खाना रात तो कभी रात का खाना दिन में दिया जा रहा है। बांसी खाने को खाकर कुछ लोगों को पेट दर्द होने लगता है तो किसी भी दस्त की समस्या बनने लगी है।
ऑनलाईन आवेदन के बावजूद कार्रवाई नहीं
कतरियासर सरपंच रामदयाल गोदारा कर्नाटक में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है। सरपंच गोदारा ने अलर्ट भारत के संवाददाता से बातचीत में बताया कि इन लोगों को बीकानेर लाने के लिए सरकारी वेबसाईट पर ऑनलाईन आवेदन भी कर दिया है लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं आया है। वहीं मौखिक रूप से भी कई बार जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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