


जयपुर। प्रदेश में कोरोना का प्रकोप लगातार जारी है। इसके बीच राजस्थान सरकार चार दिन बाद ३ मई को नई गाइडलाईन करने वाली है। उच्च स्तर पर चल रहे मंथन में यह माना जा रहा है कि शादी समारोह और निजी बसों में सवारी को लेकर कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। सरकार में अंदरखाने शादी-विवाह, धार्मिक कार्यक्रमों और प्राइवेट बसों पर और भी अंकुश लगाने की तैयारी चल रही है। सरकार निजी बसों पर पूरी तरीके से रोक लगा सकती है। बसों में 50 फीसदी सवारियां ही बैठाने के निर्देशों का खुलकर उल्लंघन हो रहा है। वहीं विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या 50 से घटाकर 21 की जा सकती है। शादी समारोह में फिलहाल सरकार ने 50 लोगों के शामिल होने की छूट है। लेकिन इसके बावजूद इनमें खुलकर गाइडलाइन का उल्लंघन किया जा रहा है। कोरोना की रोकथाम के लिए लागू किए गए ‘जन अनुशासन पखवाड़ेÓ की गाइडलाइन 3 मई को समाप्त होने जा रही है। विश्वस्तों सूत्रों की मानें तो सरकार नई गाइडलाइन में प्राइवेट बसों पर पूरी तरीके से रोक लगाने की तैयारी में है। प्राइवेट बसों की मनमानी के चलते भी कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। जन अनुशासन पखवाड़े के तहत सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में सरकारी और निजी बसों में 50 फीसदी सवारी ही ले जाने की छूट दी गई है। उसमें बस में सवारी खड़े होकर न जाए इसके भी निर्देश दिए गए थे। लेकिन निजी बसें गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए सवारियों से भरकर चल रही हैं। इसकी शिकायतें भी लगातार मुख्यमंत्री तक पहुंच रही हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग से भी फीडबैक लिया है। उसके बाद माना जा रहा है सरकार निजी बसों को लेकर कड़ा फैसला ले सकती है। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों, मंदिर-मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या सीमित की जा सकती है। अभी भी धार्मिक स्थलों पर लोगों की आवाजाही बनी हुई है। इससे संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ा हुआ है।
सुपर स्प्रेडर साबित हो रहे हैं शादी-विवाह
कोरोना संक्रमण के बीच शहरों के साथ ही गांवों में भी हो रहे शादी विवाह समारोह कोरोना के सुपर स्प्रेडर साबित हो रहे हैं। शादी समारोहों में नियमों का उल्लंघन होने से गांवों में भी कोरोना संक्रमण फैल गया है। यही वजह है कि कोरोना की दूसरी लहर में गांवों से भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जबकि बीते साल कोरोना काल में गांवों में कोरोना संक्रमण के मामले नहीं के बराबर सामने आए थे।