






स्थितियां स्पष्ट करने और भूल सुधार करवाने की मांग
बीकानेर। लॉकडाउन-3 के दौरान कुछ कामकाज के लिए राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की ओर से एडवाइजरी के अनुसार छूट दी गई। जिसमें ‘नाई की दुकानÓ को लेकर लोंगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। ‘नाई की दुकानÓ शब्द के इस्तेमाल कर पूरे समाज के लोगों को जोडऩे पर समाज के लोगों में विरोध की स्थिति बनी हुई है। अर्थात हैयर कटिंग करने के अलावा इस जाति के अन्य दुकानदार भी क्या अपना व्यवसाय शुरू नहीं कर सकेंगे। इस समाज के बड़ी संख्या में लोगों ने किराणा, दूध, कपड़े, चारा, फैक्ट्रियां, मोटर स्पेयर पार्ट्स, दवाइयां, बेकरी, आढ़त, फल-सब्जी समेत अनेक प्रकार के व्यवसाय कर रखें है। जिला प्रशासन की विज्ञप्ति और राज्य सरकार की ओर से जारी विज्ञापन में भी इसी शब्द का इस्तेमाल करने से सैन समाज के विभिन्न संगठनों, अधिवक्ताओ और सामाजिक संस्थाओं ने विरोध दर्ज करवाया है। इनका कहना है कि एडवायजरी या प्रेस विज्ञप्ति जारी करते समय जिला कलक्टर ने इस शब्द का इस्तेमाल कर पूरे सैन समाज को एक ही व्यवसाय के तहत मान लिया है। इससे समाज के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। सैन समाज के लोगों ने जिला कलक्टर इस बारे में खेद प्रकाश करते हुए संशोधित विज्ञप्ति जारी करने और राज्य सरकार को संशोधित विज्ञापन जारी कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
संगठित युवा सैन समाज समिति के संरक्षक कमल सैन व अध्यक्ष नितिन मारू ने बतायास कि यदि सरकार का आशय हैयर कटिंग सैलून से सम्बध है तो संशोधन किया जाना चाहिए। समिति ने ज्ञापन में कहा है कि हैयर कटिंग व ब्यूटी पार्लर का काम किसी एक जाति विशेष का नहीं रह गया है, इसे विभिन्न जातियों ही नहीं बल्कि मुस्लिम समेत अनेक समुदायो ने अपना रखा है और इसी से उनकी रोजी रोटी चलती है। इस पर श्री सैन मित्र मण्डल संस्थान के अध्यक्ष अनिल मारू, महासचिव सीताराम भाटी, कोषाध्यक्ष मोहन लाल धांधल, उपाध्यक्ष श्रवण मारू, संगठन सचिव शम्भू मारू अतुल, सीताराम मारू, मुकेश सैन, एडवोकेट आसकरण मारू, एडवोकेट श्रीभगवान मारू, एडवोकेट गुलाब मारू, श्री सूर्य सैन जागृति क्षौर कार्य संघ, बीकानेर के जिलाध्यक्ष जयनारायण मारू, भक्ति भाव सेवा समिति के विजयकुमार वर्मा, हरिराम वर्मा, ताराप्रकाश मोयल, प्रताप मारू ने पत्र भेजकर के माध्यम से अवगत कराया जिला प्रशासन ने पूरे समाज को ही आधार मान लिया, जो गलत है। लॉक डाउन के तीसरे चरण में छूट के लिए लगातार दो दिन से इस बारे में भ्रम फैलाया जा रहा हैैैै। जिला कलक्टर से इस बारे में संशोधन खेद प्रकाश करने की मांग की है।