






बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार की सूचना मिलते ही संबंधित अधिकारी संज्ञान लेते हुए पीडि़त को राहत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद पीडि़तों तथा गवाहों के अधिकारों की रक्षा की जाए। गौतम बुधवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक में संबंधित विभाग के अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन, अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) सुनीता चैधरी, सहायक निदेशक अभियोजन, प्रशिक्षु आई.ए.एस.कनिष्क कटारिया,चिकित्सा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एल.डी.पंवार ने चालू वित्तीय वर्ष की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि अब तक अनुसूचित जाति के 70 पीडितों को रूपये 52.04 लाख की आर्थिक सहायता राशि भुगतान की गयी है एवं मृत आश्रित के तीन प्रकरणों में नियमित रूप से पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। जिला कलक्टर ने निर्देशित किया कि सभी प्रकरणों की एफ.आई.आर. दर्ज होते ही तुरंत प्रकरण सहायता स्वीकृति हेतु भिजवाया जायें एवं थाना स्तर पर कोई प्रकरण लंबित नहीं रहे। इसी प्रकार न्यायालय में चालान पेश होने के तुरंत पश्चात चालान स्तर की राहत राशि स्वीकृति हेतु प्रकरण ऑनलाईन पोर्टल पर अपलोड कर पीडित को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाने हेतु सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को ऑनलाईन अग्रेषित करें। उन्होंने 2 माह से अधिक समय से लंबित 21 प्रकरणों का निस्तारण शीघ्रतापूर्वक करने हेतु पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये।
वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण नियमों की हो पालना
जिला कलक्टर ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण नियम के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण अधिनियम के अंतर्गत उपखण्ड अधिकारी स्तर पर दर्ज प्रकरणों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश देते हुए इसे राजस्व अधिकारियों की बैठक के एजेंडा में शामिल करने के निर्देश दिये। पंवार ने वृद्धजनों के कल्याणार्थ संचालित योजनाओं के संबंध में जानकारी दी।
दहेज के प्रकरणों में मुकदमा तत्काल दर्ज हो
दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत गठित सलाहकार बोर्ड की बैठक में जिला कलक्टर ने दहेज के प्रकरणों में मुकदमा दर्ज करने से पूर्व संबंधित पक्षों की काउंसलिंग करने के निर्देश दिये। पुलिस अधीक्षक ने इस संबंध में बताया कि महिला थाने में संचालित महिला सलाह एवं सुरक्षा केन्द्र में काउंसलिंग की जाती है एवं अन्य थानों में काउंसलिंग की व्यवस्था है।