


अजमेर। पिछले कुछ समय प्रदेश की सरकार को लेकर चल रहे सियासी संकट से युवाओं को खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है। राज्य में नई भर्तियों पर सियासी संकट से ब्रेक लग सकते हैं। सरकार की मंजूरी के बगैर कार्मिक विभाग का नीतिगत फैसला लेना मुश्किल है। राजस्थान लोक सेवा आयोग दिसंबर तक सिर्फ बकाया परीक्षाएं कराएगा। साल 2021 के लिए आयोग के पास नई भर्तियां नहीं हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्र 2019-20 के बजट भाषण में 75 हजार भर्तियां कराने की घोषणा की थीं। यह भर्तियां राजस्थान लोक सेवा आयोग और राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड के जरिए होनी हैं। विभागवार होने वाली नई भर्तियों और परीक्षा की प्रक्रिया तय होनी है।
यूं तय होती हैं सरकारी भर्तियां
आयोग को कार्मिक विभाग से ही विभागगवार नई भर्तियां मिलती हैं। इनमें आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती सहित कॉलेज लेक्चरर, स्कूल व्याख्याता, चिकित्सा शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि और अन्य भर्तियां शामिल हैं। नियमानुसार कार्मिक विभाग सभी संबंधित विभागों से अभ्यर्थना लेकर पदों का वर्गीकरण करता है। इसके बाद इसे राजस्थान लोक सेवा आयोग को भेजता है। अयोग भर्तियों का पुन: परीक्षण और कार्मिक विभाग से विभिन्न आपत्तियों के निस्तारण के बाद विज्ञापन जारी करता है।