


जयपुर। प्रदेश में कोरोना का खतरा मंडरा रहा है जिनमें एक तरफ जहां बुजुर्गों पर मौत का खतरा बनकर मण्डरा रहा है। वहीं दूसरी ओर युवाओं को सर्वाधिक चपेट में ले रहा है। पूरे राजस्थान के संक्रमित मरीजों का उम्रवार आंकलन करें तो एक चौथाई से अधिक संक्रमितों की आयु 21 से 30 साल के बीच की है। यानी कोरोना सबसे ज्यादा युवा वर्ग को भी संक्रमित कर रहा है। राजस्थान समेत देशभर में लॉकडाउन की अनदेखी युवाओं पर भारी पड़ती नजर आ रही है। लॉकडाउन में यदि किसी का सर्वाधिक मूमेंट बाजार में देखा गया तो उनमें युवा वर्ग के लोग ज्यादा है। इसका सीधा असर कोरोना संक्रमण के फैलाव के रूप में देखा जा रहा है। राजस्थान में कोरोना के पॉजिटिव आंकड़ों की समीक्षा करें, तो अलग-अलग तस्वीर निकल कर सामने आ रही है। प्रदेश में मृतकों में जहां 85 फीसदी से अधिक बुजुर्ग श्रेणी के है, वहीं दूसरी ओर पॉजिटिव मरीजों में सर्वाधिक युवा चपेट में आए है। राजस्थान में 14 मई तक सामने आए 4418 केस में से 1127 केस में मरीजों की उम्र 21 से 30 साल के बीच की है। जबकि 31 से 40 साल की उम्र के 882 केस चिन्हित किए गए हैं।
उम्र पेशेंट कुल मरीजों का प्रतिशत
एक साल से छोटे 17 0.4 प्रतिशत
1-10 265 6.0 प्रतिशत
11-20 661 15 प्रतिशत
21-30 1127 25.5 प्रतिशत
31-40 882 20.0 प्रतिशत
41-50 597 13.5 प्रतिशत
51-60 468 10.6 प्रतिशत
61-70 276 6.2 प्रतिशत
71-80 96 2.2 प्रतिशत
81-90 29 0.7 प्रतिशत
राजस्थान के कोरोना पॉजिटिव के आंकड़ों में देखे तो महिलाओं की तुलना में करीब दोगुना के आसपास पुरूष कोरोना से संक्रमित हुए हैं। अब तक कुल 2772 मेल मरीज, जबकि 1642 फीमेल मरीज कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। राजस्थान चिकित्सा विभाग ने उम्रवार कोरोना का विश्लेषण कराने के बाद अब बुजुर्गों पर फोकस शुरू किया है, ताकि मौतों के ग्राफ को कम किया जा सके। इसके साथ ही युवा वर्ग को भी एडवाजरी जारी की गई कि वे घर से बाहर निकलने के दौरान अधिक सावधानी बरते। जरूरत हो तो ही घर से बाहर निकला जाए। उम्मीद ये है कि विभाग की मंशा को जनता भी समझेगी, जिससे कोरोना की रोकथाम के प्रयास को सफल किया जा सके।