


नागौर। राजस्थान के नागौर जिले में चोरी के शक में एक 14 साल के दलित बच्चे के रस्सी से हाथ-पैर बांध दिए। इसके बाद पेड़ से बांध उसकी पिटाई कर दी। इस दौरान वहां मौजूद लोग वीडियो बनाते रहे। नाबालिग के घर वालों को जब इस बारे में जानकारी मिली तो वे मौके पर पहुंचे। दादा ने माफी मांगी तो नाबालिग को छोड़ा। इधर, इस मामले को चितावा थाने में परिजनों की ओर से मामला दर्ज कराया गया है। घटना इंदोखा गांव में 5 दिन पुरानी बताई जा रही है। भंवरलाल कुम्हार की दुकान में नाबलिग मासूम को घुसते हुए पकड़ा गया था। इस दौरान अनिल कुम्हार ने उसे चोरी के शक में पकड़ा। थोड़ी देर में ही वहां बंशीलाल मेघवाल भी पहुंच गया। इन्होंने मासूम पर दुकान में चोरी का आरोप लगाते हुए पेड़ से बांध दिया और मारपीट शुरू कर दी। मासूम से पिटाई करने के बाद मौके पर उसके दादा को बुलाया गया। दादा बार-बार पोते को छोडऩे और रस्सियां खोलने के लिए मिन्नत करता रहा मगर आरोपियों का दिल नहीं पसीजा। उल्टा वो वहां उसे भीड़ के बीच जलील करते रहे। आखिरकार दादा ने सभी आरोपियों से माफी मांगी। कुछ लोगों की समझाइश के बाद आरोपियों ने बच्चे के हाथ-पैैर से रस्सियां खोली और उसे छोड़ा।
5 दिन पहले की घटना
नाबालिग के साथ अमानवीयता और मारपीट की घटना 5 दिन पुरानी बताई जा रही है। पिटाई के बाद नाबालिग उसके दादा के साथ चुपचाप अपने घर चला गया था। पिता नागपुर में टाइल्स फिटिंग का काम करते है। नाबलिग ने बताया कि रविवार को स्कूल की छुट्टी का दिन था। वो बैर खाने स्कूल ग्राउंड में गया था। ग्राउंड से लौटते समय चॉकलेट लेने के लिए भंवरलाल कुम्हार की दुकान गया था। वहां अचानक उस पर चोरी का इल्जाम लगाकर उसे पकड़ लिया गया। जबकि उसने न तो चोरी की और न ही कोई प्रयास किया था।