


नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर आए दिन लोगों में नए-नए लक्षण नजर आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके एक और लक्षण को लेकर सचेत किया है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यदि किसी को बोलने में दिक्कत आ रही है तो वो भी संक्रमण का एक लक्षण है। सामान्य लक्षण जैसे खांसी, जुकाम, बुखार, सिर दर्द, सांस लेने में तकलीफ के अलावा इसके कई और लक्षण सामने आ चुके हैं। जिसमें आंखों का लाल होना, पैरों में घाव का होना और आंखों से लगातार पानी आना शामिल है। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों ने कहा कि बोलने में दिक्कत कोरोना वायरस का ‘गंभीरÓ लक्षण है।
ठीक हुए लोगों ने बताई दिक्कतें
संक्रमण से उबर चुके लोगों का कहना है कि संक्रमित होने के दौरान उन्हें बोलने में दिक्कतें आ रही थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि बोलने के साथ-साथ चलने में भी दिक्कत आ सकती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाना अनिवार्य है। कोरोना के बारे में जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संक्रमण से निपटने के लिए डिसइंफेक्टेंट के छिड़काव को लेकर कहा है कि इस छिड़काव से कोई असर नहीं होने वाला है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस को खत्म करने को लेकर घर के बाहर, गलियों और बाजारों में डिसइंफेक्टेंट के छिड़काव का कभी कोई सुझाव नहीं दिया गया। इससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
चल रहा कई दवाओं का ट्रायल
संक्रमण को रोकने के लिए कई दवाओं का ट्रायल चल रहा है. इसमें ये पता लगाया जा रहा है कि कौन सी दवा कोरोना वायरस से लडऩे के लिए कितनी असरदार है। डब्ल्यूएचओ की इस ट्रायल प्रोग्राम में भारत के भी कम से कम 1500 कोरोना के मरीज शामिल होंगे। इस प्रोगाम में करीब 100 देशों के मरीजों को शामिल किया जाएगा। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इसको लेकर मरीजों की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक भारत के 9 हॉस्पिटल को इस खास प्रोग्राम के लिए चुना गया है। आईसीएमआर ने कहा है कि ये संख्या अभी और बढ़ाई जाएगी।