


अनिल रावत जनप्रतिनिधियों व किसानों में भारी आक्रोश भारतमाला प्रोजेक्ट पर कल होगी वार्ता
बीकानेर। इन दिनों भारतमाला सड़क का निर्माण केन्द्र सरकार की ओर से चल रहा है। जिसका विरोध भी अब चरम सीमा पर पहुंच गया है। जिसका कारण किसानों की जमीन को बिना अधीकृत किए ही इस भारतमाला सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है। इसको लेकर जनप्रतिनिधि, प्रभावित किसान जमकर विरोध कर रहे है। अब ये मामला जनप्रतिनिधियों, किसानों तथा भारत माला प्रोजेक्ट अधिकारियों के बीच उलझ कर रह गया है। इसको लेकर शनिवार को पुलिस के साथ भारतमाला सड़क बनाने के लिए पहुंचे दल को विरोध का सामना करना पड़ा। मौके पर किसानों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही भारत माला सड़क का निर्माण करवाने के विरोध में जमकर नारेबाजी की तथा इस कार्य को शुरू नहीं होने दिया। विरोध करने वाले मौके पर धरने पर बैठ गए। बाद में जिला प्रशासन की ओर से मध्यस्था की गई जिसके तहत् तय हुआ कि इस मुद्दे पर सोमवार को जिला कलक्टर की मौजदूगी में दोनों पक्षों के बीच समझौता वार्ता होगी। इस समझौता वार्ता में किसान और जनप्रतिनिधि सहमत होने पर ही भारत माला प्रोजेक्ट आगे बढ़ पाएगा अन्यथा भारतमाला सड़क निर्माण की संभावना आसपास नजर नहीं आ रही है। इसके चलते केन्द्र सरकार की पूरे देश की सीमा को इस सड़क के माध्यम से जोडऩे तथा सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों को इस सड़क का लाभ देने का सपना साकार नहीं हो पाएगा।
युथ कांग्रेस बीकानेर के लोकसभा उपाध्यक्ष तोलाराम सियाग ने कहा कि भारतमाला सड़क 754-के के निर्माण को लेकर जिले के राणीसर गांव में पुलिस प्रशासन की ओर से किसानों के साथ किए गए र्दुव्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। इस तरह भूमिपुत्रों के साथ र्दुव्यवहार व तानाशाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। देश में लॉकडाउन है और इस दौरान भारतमाला सड़क निर्माण कार्य में पुलिस के दम पर किसानों की जमीन को हड़पने का काम किया जा रहा है जिसे कदापि सहन नहीं किया जाएगा। किसानों की मांगों पर सहमति नहीं बनने पर इस प्रोजेक्ट के कार्य को शुरू नहीं होने दिया जाएगा। अन्यथा हमें आंदोलन की राह पकडऩे पर मजबूर होना पड़ेगा। जिससे लॉकडाउन के नियमों का उल्लघंन होगा।
रालोपा के प्रदेश मंत्री विजयपाल बेनीवाल ने कहा कि सरकार लॉकडाउन की आड़ लेकर किसानों की भूमि अधिग्रहण पुलिस बल के दम करना चाहती है। ये सरकार ठेकेदारों के साथ मिलीभगती करते हुए किसानों की भूमि का अधिग्रहण बिना मुआवजे के करना चाहती है। किसानों के साथ किए जा रहे शोषण को सहन नहीं किया जाएगा। बेनीवाल ने बताया कि सरकार डीएलसी रेट के चार गुणा दाम किसानों को मुआवजा देने, स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने आदि मुद्दों पर स्वीकृति दिए जाने पर ही भारत माला प्रोजेक्ट पर कार्य आगे शुरू होने दिया जाएगा वरना सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी सरकार एवं जिला प्रशासन की होगी।
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकणा ने बताया कि धरती का सीना चीरकर अन्न पैदा करने वाले किसान को भी हर बार अपने अधिकार के लिए संघर्ष का रास्ता ही अपनाना पड़ता है जो इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता है। इस सकंट की घड़ी में युवा साथियों से भी आग्रह करना चाहता हूं कि एकजुट होकर अन्नदाता का सहयोग करें और किसान भाईयों को भरोसा दिलाना चाहता हूूं कि आपके हक और अधिकार की लड़ाई में अंतिम सांस तक मजबूती के साथ आपके साथ खड़ा रहूंगा। लॉकडाउन के दौरान इस सड़क निर्माण प्रोजेक्ट के माध्यम से पुलिस बल के साथ किसानों पर दबाव बनाते हुए कार्य शुरू करवाने का प्रयास किया जा रहा है। जो अंति निंदनीय है। यह दमकारी नीति किसानों को खेती छोड़कर किसानों को आरपार की लड़ाई लडऩे पर मजबूर कर रही है। सरकार किसानों की जमीनों का चार गुना मुआवजा देकर सड़क निर्माण कार्य शुरू करें।
कतरियासर सरपंच रामदयाल गोदारा ने बताया कि सरकार द्वारा भारतमाला प्रोजेक्ट के नाम पर किसानों के साथ किए जा रहे खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गोदारा ने बताया कि किसानोंं को बाजार मूल्य का चार गुणा मुआवजा दिया जाए और सभी किसान मजदूर भाईयों को सरकार रोजगार प्रदान करें। इस मुद्दे को लेकर सभी किसानों को न्याय दिलाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। किसानों की ओर से इस प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व में विरोध किया गया था कोरोना के इस संकट काल में लॉकडाउन के नियमों की पालना करते हुए एकबारगी विरोध स्थगित कर दिया गया था। सरकार ने लॉकडाउन के बावजूद भारत माला प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया है जो अनुचित है। इस पर कल होने वाल वार्ता में किसानों की मांगों को महत्ता दी जाएगी।
राजकीय डूंगर महाविद्यालय अध्यक्ष किशन गोदारा ने बताया कि जहां एक ओर कोरोनाकाल में त्राहि-त्राहि मची हुई वहीं दूसरी ओर भूमि पुत्र इस संकट के इस काल में खेती कर देश में अन्न की पूर्ति करने का कार्य कर रहा है। जिसे देश में अन्न के भण्डार हमेें भरे रहे और इस विपदा काल में अन्न की आपूर्ति को लेकर कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। कड़ी मेहनत और मजदूरी कर हर समय संकटमोचन बनने वाले भूमिपुत्रों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जब तक किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तक भारत माला प्रोजेक्ट को शुरू नहीं होने दिया जाएगा। चाहे इसके लिए हमें आंदोलन की राह पकडऩी पड़े।