बीकानेर। पिछले 532 साल से बीकानेर की रक्षा करते आ रहे देवी-देवताओं की स्तुति नगरवासी सदैव करते रहे हैं। कोई भी भयंकर बीमारी हो, महामारी हो या शत्रुदेश का आक्रमण…बीकाणा पर ईश्वर का सदा ही हाथ रहा। चैपनिया अकाल, महामारी प्लेग और समर के समय मां करणी और भैरूनांथ बीकाणा पर कृपा बरसती रही है। बीकानेरवासी भी दिल की गहराइयों से मां करणी, भैरूनांथ, बाबा रामदेव समेत समस्त लोकदेवताओं की स्तुति करते रहे हैं। वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के दौरान सीमा पर होने के बावजूद बीकानेर सुरक्षित रहा। किवदंती तो यह भी है कि एकबार पाकिस्तानी बमवर्षक विमानों ने बम भी गिराएथे लेकिन मां करणी ने बचा लिया। इसके बाद बीकानेर के घर-घर में मुख्य द्वार के दोनों तरफ मेहंदी के हाथों के छापे लगाए गए। ऐसे हैं बीकानेर वासी मानते हैं कि प्लेग फैलने और भीषण अकाल पडऩे पर भी बीकानेर के लोग सुरक्षित रहे थे। तब लोगों ने भैरूंनाथ की विशेष पूजा अर्चना की और सक्षम लोगों ने बलिवेदी पर बकरे भी समर्पित किए। रविवार को कोडमदेसर में भैरूनांथ को सेना की वर्दी पहनाकर कमाण्डर का रूप दिया गया। यह माना गया कि भैरूनांथ आर्मी के कमाण्डर बनकर हमारी रक्षा करने में डटे हुए हैं। भक्तों ने भैरूनाथ को मिलट्री अलंकरणों से सुसज्जित कर सैन्य स्वरूप दिया और उनके समक्ष खड़े होकर सैल्यूट भी ठोका।