गरीबों को नहीं मिला तो गेहूं ऐसे ही सड़ जाएगा

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बीकानेर। लॉकडाउन के दौरान यदि जरूरतमंदों को समय पर गेहूं व अन्य सामग्री नहीं मिले तो फिर गोदामों पर भरे पड़े अनाज का क्या फायदा। यह कहना है भाजपा शहर जिला महामंत्री मोहन सुराणा का। सुराणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र व ट्वीट के माध्यम से अवगत कराया है कि देश के गोदामों में गेहूं भरा पड़ा है। जो खराब होने के कगार पर है। यदि कुछ दिनों में उस गेहूं को नहीं बेचा गया तो वो सड़ जाएगा। फिर उसे फेंकने के लिए भी सरकार को पैसे देने पड़ेंगे। उन्होंने गोदामों में बंद पड़े गेहूं को कमजोर वर्ग के लोगों को दो रुपए प्रति किग्रा के हिसाब से वितरित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि इससे उनकी पेट भरपाई हो जाएगी। अभी लॉकडाउन में हर जरूरतमंद कमजोर वर्ग और अन्य वर्ग की हालत बहुत अधिक खराब हो रही है। वो भी मेहनत मजदूरी करके अपने घर का पेट भरते है और उनके पास भी 15-20 दिनों से ज्यादा के राशन का संग्रह नहीं होता है। उन्होंने बताया कि अब नया गेहूं भी बाजार में आ चुका है। इस बार गेहूं की बंपर पैदवार पूरे भारत में है। केंद्र सरकार को किसानों को समर्धन मूल्य दिलाने के लिए सरकारी खरीद भी करनी जरूरी है। जबकि गोदाम भरे पड़े है। उस पर विचार किए जाने की जरूरत है।

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