






जयपुर। लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से जरूरतमंदों और निराश्रितों को राशन किट नहीं मिलने की संपर्क पोर्टल पर पैसे लेकर फर्जी शिकायत कर अफसरों की परेड करवाने वाले ई-मित्र संचालक का भंडाफोड़ हो गया है। आवेदकों से पैसे लेकर राशन की 300 से भी अधिक फर्जी शिकायतें करने का दोषी पाए जाने पर आमेर उपखंड के एक ई-मित्र का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित करते हुए 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आमेर उपखंड अधिकारी और इंसीडेंट कमाण्डर लक्ष्मीकांत कटारा ने बताया कि फ्रेंड्स कॉलोनी, नाई की थड़ी आमेर में संचालित एक ई-मित्र केंद्र के बारे में काफी समय से शिकायतें मिल रही थीं। वहां सीधे-साधे लोगों से पैसे लेकर राशन संबंधी शिकायतें उच्च स्तर विभिन्न स्तर पर की जा रही थीं। इस जानकारी पर उपखंड अधिकारी के नेतृत्व में टीम ई-मित्र पर गई। जांच में संचालनकर्ता असलम खान ने रुपये लेकर शिकायत दर्ज करने की बात स्वीकारी और करीब 300 से अधिक शिकायतें बिना शिकायतकर्ता की पहचाने के राशन कार्ड, आधार कार्ड या अन्य दस्तावेज के किए जाने की बात सामने आई। उपखंड अधिकारी ने ई-मित्र केंद्र संचालक पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। 15 दिन के लिए ई-मित्र का लाइसेंस निरस्त किया।
ऐसा किया खुलासा
आमेर एसडीएम ने पटवारी को बोगस ग्राहक बनाकर ई-मित्र पर भेजा और ई-मित्र संचालक से राशन नहीं मिलने की शिकायत दर्ज कराने की बात कही। इस पर ई-मित्र संचालक ने बोगस ग्राहक बनकर पहुंचे पटवारी से 50 रुपये मांगे और शिकायत दर्ज करने की बात स्वीकारी। पटवारी ने इसकी सूचना तुरंत आमेर उपखंड अधिकारी लक्ष्मीकांत कटारा और तहसीलदार को दी। उसके बाद ई-मित्र संचालक के सभी दस्तावेज जब्त कर निलंबित की कार्रवाई की गई।