


रामचन्द्र स्वामी
जब मैंने जन्म लिया, वहां एक नारी थी जिसने मुझे थाम लिया
माँ
बचपन में बङा होने पर एक नारी मेरा ध्यान रखने व साथ खेलने वाली ।
बहन
मैं स्कूल गया स्कूल में एक नारी मुझे पढने और सिखाने वाली ।
शिक्षिका
जब भी मैं जीवन में निराशा और हताश हुआ एक नारी ने मुझे संभाला ।
महिला साथी
जब मुझे सहयोग, साथी और प्रेम की आवश्यकता हुई तब एक नारी हमेशा मेरे साथ ।
पत्नी
जब भी मैं जीवन में कठोर हुआ तब एक नारी ने मेरे व्यवहार को नरम किया।
बेटी
जब मैं मरूंगा तब भी एक नारी मुझे अपनी गोद में समा लेगी।
धरती मां
पुरूष हैं तो – नारी का सम्मान करें
महिला हैं तो-अपने पर गर्व करें
रामचन्द्र स्वामी अध्यापक बीकानेर।