


नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए। इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान हुआ है। सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं। ऐसे में दोनों देशों में बढ़े तनाव को कम करने के लिए कूटनीति स्तर पर सुलझाने का प्रयास है। सेना ने शुरू में कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए। लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है. इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।
पूरे इलाके में सेना ने सतर्कता बढ़ा दी
इस घटना के बाद पूरे इलाके में सेना ने सतर्कता तथा चौकसी बढ़ा दी है। चीन सीमा पर 45 साल बाद इस तरह की हुई यह पहली घटना है। इससे पहले 1975 में अरुणाचल प्रदेश में तुलुंग ला में संघर्ष हुआ था जिसमें चार जवान शहीद हुए थे।
मोदी ने की राजनाथ और अमित शाह के साथ उच्च स्तरीय बैठक
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समग्र समीक्षा की गई। यह समझा जा रहा है कि भारत ने 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए दृढ़ रुख जारी रखने का फैसला किया है।