






भरतपुर। कोरोनाकाल में महामारी के इस प्रकोप के बीच लोग चली आ रही कई सालों पुरानी परंपराओं को भी बदल दिया है। शादी समारोह में इसका सबसे बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है। बड़े से लेकर छोटे स्तर तक हर व्यक्ति अब इन शुभ कार्य में फिजूल खर्च से बचता दिखाई दे रहा है, जो समाज की एक अच्छी सोच और एक नई परंपरा को जन्म देने का संकेत दे रहा है। ऐसा ही एक उदाहरण कल भरतपुर में देखने को मिला, जिससे समाज में एक अच्छा संदेश गया है। जयपुर में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पद पर नियुक्त नागौर निवासी प्रवीण औऱ भरतपुर निवासी मोनिका ने परिवार के 5 सदस्यों की मौजूदगी में ही भरतपुर में परिणय सूत्र में बंधे। इतना ही नहीं, वर पक्ष की ओर से मिसाल पेश करते हुए पूरे विवाह में केवल मात्र एक रुपये का नेक लेकर दहेज की कुप्रथा को ठेंगा दिखाया। भरतपुर निवासी प्रवीण शंकर (वर) और मोनिका चौधरी (वधू) दोनों मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट है। हालांकि दोनों को ही अपने विवाह कार्यक्रम में 50 व्यक्तियों को शामिल करने की भरतपुर प्रशासन ने अनुमति प्राप्त थी लेकिन कोविड-19 के बीच सामाजिक सरोकार को निभाते हुए इन दोनों ने महज पंडित सहित परिवार के कुल 5 लोगों की मौजूदगी में अपने विवाह कार्यक्रम को संपन्न कर एक-दूसरे के हमसाथी बने। इस पूरे विवाह कार्यक्रम में वर पक्ष की ओर से महज एक रुपये का नेक लेकर वधू पक्ष की ओर से दिए जा रहे अन्य भेंट अथवा गिफ्ट को लेने से इंकार कर दिया।